अनेकार्थक शब्द: अनेकार्थक शब्द का अर्थ है — अनेक अर्थ वाला, अर्थात् जिन शब्दों से एक से अधिक अर्थ-बोध होता है, उन्हें अनेकार्थक (Homonyms) कहते हैं।
हिन्दी साहित्य में अनेकार्थी शब्दों का प्रयोग अधिकतर काव्य में ही मिलता है। काव्य के रसास्वादन के लिए इनका ज्ञान आवश्यक है। इन्हीं शब्दों द्वारा कवियों ने यमक और श्लेष अलंकारों का भरपूर प्रयोग किया है। कविवर सेनापति के अनुसार कवि वही है, जिसकी कविता कम से कम दो अर्थों का निर्वाह करने वाली हो—
“सेनापति कवि सोई, जाकी द्वै अरथ कविताई निर्वाह की।”
अनेकार्थक शब्द
अनेकार्थक शब्दों की तालिका
अंक | गिनती के अंक, गोद भाग्य, चिह्न, रूपक के दस भेदों में से एक, नाटक का अध्याय। |
अंकोर | दोपहरी, रिश्वत, भेंट, गोद, कलेवा। |
अंग | शरीर, टुकड़ा, अवयव, भेद, पक्ष, सहायक, भाग, हिस्सा। |
अक्रूर | कृष्ण के चाचा, मित्र, कोमल स्वभाव वाला। |
अचल | अटल, पहाड़, निश्चल, स्थिर, वृक्ष, पार्वती। |
अज | बकरा, दशरथ के पिता, अजन्मा, शिव, ब्रह्मा, मेषराशि, जीव, आत्मा, कामदेव। |
अजया | बकरी, भाँँग, विजया। |
अच्युत | स्थिर, विष्णु, कृष्ण, अपतित। |
अक्षर | वर्ग, ईश्वर, आत्मा, स्थिर, शिव, विष्णु। |
अधर | होंठ, आकाश, अनाधार, नीच, बुरा, चंचल। |
अदिति | पृथ्वी, प्रकृति, देवताओं की माता, रक्षा, देवलोक, वाणी। |
अमृत | जल, दूध, अमर, अन्न, सुधा, पारा, प्रिय, सुन्दर, आत्मा, शिव, घी, धन। |
अब्ज | कपूर, अरब की संख्या, कमल, चन्द्रमा, शंख। |
अब्द | बादल, वर्षा, मेघ, आकाश, साल। |
अपेक्षा | आशा, आवश्यकता, इच्छा, आकांक्षा, लालच, अनुरोध, भरोसा, तुलना। |
अनन्त | अन्तहीन, शेषनाग, लक्ष्मण, आकाश, विष्णु। |
अरस | आकाश, नीरस, आलस्य, महल, रसशून्य, अनाड़ी, सुस्ती। |
अरुण | सूर्य का सारथी, लाल, सूर्य, गरुड़, तड़का, सिन्दूर, केसर। |
अन्तर | फर्क, भीतर, अन्तरिक्ष, समय, व्यवधान। |
अपवाद | किसी नियम के विपरीत, कलंक, निन्दा, विरोध, आदेश, आज्ञा। |
अतिथि | मेहमान, अग्नि, अपरिचित, संन्यासी, आगन्तुक, अभ्यागत। |
अर्क | सूर्य, सत्त्व, ताँँबा, बिजली की चमक, स्फटिक, मदार, क्वाथ (काढ़ा) रविवार। |
अर्थ | धन, प्रयोजन, तात्पर्य, कारण, लिए, अभिप्राय, निमित्त, फल, वस्तु, प्रकार। |
अलि | सखी, भ्रमर, कोयल, बिच्छू, मदिरा, कौवा, कोयल, सहेली। |
अवि | सूर्य, पहाड़, पर्वत, आक, बरकरी, मेष, वायु, कम्बल। |
अहि | दुष्ट, सूर्य साँँप, राहु, पृथ्वी, जल, बादल। |
आम | सामान्य, एक फल, मामूली, अपक्व, आँँव, कच्चा। |
आत्मज | पुत्र, कामदेव, बेटा। |
आन | दूसरा, क्षण, शपथ, टेक, सीमा, बनावट, लज्जा, प्रतिज्ञा, विचार। |
आतुर | उत्सुक, उतावला, रोगी, कमजोर, दु:खी, आहत, पीड़ित, व्यग्र, व्याकुल। |
आराम | विश्राम, वाटिका, एक प्रकार का दण्डक वृत्त, फुलवाड़ी। |
अलि | बिच्छु, पंक्ति, बाँध, सेतु, भ्रमरी, सखी। |
आसुग | मन, वायु, वाण। |
इतर | अन्य, नीच, चरस, अन्त्यज, अवशेष, बाकी, साधारण, दूसरा। |
इन्दु | गणित में एक की संख्या, चन्द्रमा, कपूर। |
उरु | जाँघ, विशाल, श्रेष्ठ, विस्तीर्ण, अधिक मूल्यवान, जाँँच। |
उर्मी | लहर, पीड़ा तरंग, प्रकाश, वेग, भंग, भ्रान्ति, भूल। |
ऐन | कस्तूरी, घर, पूर्ण, आँख, उपयुक्त, ठीक। |
ओस | गीला, गोद, धरोहर, बहाना, जिमीकन्द। |
कंज | कमल, सिर के बाल, अमृत, ब्रह्म, केश। |
कनक | सोना, धतूरा, गेहूँ, आटा, खजूर, नागकेसर, पलास। |
कर | हाथ, टैक्स, सूँड, किरण, ओला, विषय, छल, युक्ति, काम। |
कल | मशीन, चैन, आने वाला कल, बीता हुआ कल, शान्ति, सुन्दर। |
कन्द | जड़, मिश्री, बादल, समूह, सूरन, गाँँठ, शोथ। |
कटाक्ष | आक्षेप, तिरछी चितवन, व्यंग्य। |
कर्ण | कान, कुन्ती का पुत्र, समकोण त्रिकोण के सामने की भुजा। |
काम | कार्य, इच्छा, कामना, अनुराग, चार पुरुषार्थों में एक पुरुषार्थ काम। |
काल | समय, शत्रु, यमराज, अवसर, अकाल। |
कुशल | चतुर, क्षेम (खैरियत), योग्य, कुश लाने वाला। |
कृष्ण | भगवान कृष्ण, काला, वेदव्यास। |
केतु | एक ग्रह, ध्वजा, पुच्छल तारा, ज्ञान, प्रकाश। |
कौशिक | विश्वामित्र, इन्द्र, सपेरा, उल्लू, नेवला। |
खग | पक्षी, वाण, गन्धर्व, सूर्य, ग्रह, चन्द्रमा, देवता, वायु। |
खर | गधा, दुष्ट, तिनका, गर्दभ, खच्चर, कौआ, रावण के भाई का नाम। |
खल | दवा कूटने का पात्र, धतूरा, दुष्ट। |
गण | समूह, छन्दों में तीन वर्णों का समूह, शिव के अनुचर। |
गति | चाल, मोक्ष, हालत, गमन, परिणाम, ज्ञान, प्रमाण, मुक्ति, कर्मफल, दशा। |
गुरु | शिक्षक, बड़ा, माता-पिता, भारी, छन्द में दीर्घ। |
गोपाल | गाय पालने वाला, कृष्ण, ग्वाला, किसी लड़के का नाम। |
गौतम | गौतम बुद्ध, द्रोणाचार्य का साला, भारद्वाज। |
गौतमी | हल्दी, गोदावरी नदी, गोरोचन, गौतम ऋषि की पत्नी, अहल्या, दुर्गा। |
घट | शरीर, घड़ा, कम, कलश, जलपात्र, पिण्ड, मन, हृदय, न्यून। |
घन | हथौड़ा, बादल, बड़ा, मेघ, समूह, विस्तार, अभ्रक। |
घुटना | कष्ट सहना, साँस लेने में कठिनाई, पाँव का मध्य भाग। |
चक्र | कुम्हार का चाक, विष्णु का अस्त्र, पहिया, वायु का भँवर, दल। |
चक्री | विष्णु, कुम्हार, गाँव का पुरोहित, चकवा पक्षी, कौआ। |
चपला | चंचल स्त्री, लक्ष्मी, बिजली, मदिरा, जीभ, भाँग। |
चर | विचरण करने वाला, पशुओं के चरने का स्थान, जासूस। |
चश्मा | स्त्रोत, ऐनक, सोत। |
चाप | धनुष, दबाव, परिधि का एक भाग, धनु राशि। |
चारा | पशुओं का भोजन, उपाय, आचरण, घास, जिस वस्तु को बँसी में लगाकर मछली फँसाई जाती है। |
छन्द | काव्य, बहाना, छल, मत, युक्ति, रंग-ढंग, अभिप्राय, कविता। |
छाजन | छप्पर, वस्त्र, अपरस, खपरैल की छवाई, आच्छादन। |
जड़ | मूल, मूर्ख, हठी, अचेतन, स्तब्ध, चेष्टाहीन, मूक, गूँगा। |
जर | जल, जड़, ज्वर, जरा, वृद्धावस्था। |
जलज | कमल, शंख, सीप, मोती, सेवार। |
जालक | झरोखा, जाल, घोंसला, गवाक्ष। |
जीव | जन्तु, जीविका, बृहस्पति, जीवात्मा। |
जीवन | जिन्दगी, वायु, जल, वृत्ति, प्राणधारण, पानी, घी, मज्जा। |
जोड़ | योग, मेल, गाँठ, समानता, एक प्रकार की दो वस्तुएँ। |
जया | पार्वती, दुर्गा, हरी दूब, पताका, त्रयोदशी, ध्वजा, हड़। |
टीका | तिलक, व्याख्या, चेचक आदि का टीका, धब्बा, बदनामी का टीका । |
ठाकुर | जाति विशेष, भगवान, स्वामी, नाई, बड़ा |
ढाल | रक्षक, उतार, धातुओं की ढलाई, ढलुवाँ भूमि, ढार, प्रकार, रीति, ढंग। |
तक्षक | विश्वकर्मा, बढ़ई, सूत्रधार, सर्प विशेष। |
तारा | बृहस्पति की स्त्री, नक्षत्र, बालि की स्त्री, आँख के बीच की काली पुतली। |
ताल | संगीता का ताल, झील, तालाब, ताड़ का वृक्ष। |
तीर | बाण, नदी का किनारा, किनारा, तट, समीप। |
तात | पूज्य, पिता, गुरु, मित्र, भाई। |
द्रोण | द्रोणाचार्य, कौआ, दोना, नाव। |
दहर | छोटा भाई, कुण्ड, नरक, छछून्दर, चूहा, बालक। |
दिवा | दिन, दीपक, दिवस, बाईस अक्षरों का एक वर्ण वृत्त। |
धन | जोड़, स्त्री, सम्पत्ति, लाभ, द्रव्य, पूँजी, चौपायों का समूह। |
धर्म | सम्प्रदाय, स्वभाव, कर्त्तव्य, प्रकृति। |
धारा | सन्तान, सेना, नियम, पानी का झरना, धार, झुण्ड। |
नाक | स्वर्ग, इज्जत, एक फल, नासिका, अन्तरिक्ष, आकार, मान, प्रतिष्ठा। |
नाग | सर्प, हाथी, बादल, नागवल्ली, एक पर्वत। |
नागर | चतुर, नागरमोथा, नागरिक, सोंठ, पौर, सभ्य व्यक्ति, नारंगी। |
निशाचर | राक्षस, चोर, उल्लू, सियार, सर्प, बिल्ली, प्रेत, भूत, महादेव। |
पर | पंख, ऊपर, दूसरा, किन्तु, पराया। |
पत्र | पत्ता, चिट्ठी, पन्ना, आवरण। |
पानी | इज्जत, जल, चमक, शस्त्र की धार । |
पास | निकट, उत्तीर्ण, पसन्द, परिचय-पत्र। |
फल | परिणाम, लाभ, सन्तान, खाने वाला फल, हल, चाकू आदि का फल। |
बलि | पितरों को दिया गया भोग, एक राजा, उपहार, न्यौछावर, बलिहारी। |
बहार | वसन्त, एक राग, आनन्द। |
बल | शक्ति, सेना, बलराम, पार्श्व, बगल, लपेट, ऐंठन, सिकुड़न, अन्तर। |
बिम्ब | छाया, चन्द्रमण्डल, बाँबी, घेरा, सूर्य। |
भा | चमक, शोभा, बिजली, किरण, प्रभा, कान्ति |
भाव | विचार, अभिप्राय, मनोविकार, दर, श्रद्धा। |
भूत | प्रेत, पंचभूत, बीता हुआ समय, मृत शरीर, तत्त्व, सत्य। |
मधु | शहद, वसन्त, पराग, चैत्रमास, ऋतु, शराब। |
माधव | वसन्त ऋतु, विष्णु, बैसाख महीना, श्रीकृष्ण |
मद | नशा, मस्ती, हाथी के मस्तक का स्त्राव, गर्व, कस्तूरी। |
मुद्रा | सिक्का, छापा, आकृति, कुण्डल, चिह्न, अँगूठी। |
मूल | पूँजी, एक नक्षत्र, जड़, कन्द, आरम्भ, पास, समीप। |
रंग | सातों रंग, आनन्द, विलास, नाटक का प्रदर्शन। |
रम्भा | वेश्या, एक अप्सरा, केला, कदली, गौरी, उत्तर दिशा। |
रक्त | रक्त खून, केशर, लाल, कुंकुम, ताँबा, कमल, सिन्दूर, रुधिर। |
रसाल | ईख, आम, मीठा, रसीला, कटहल, गेहूँ, अमलबेंत। |
राशि | समूह, मेष वृष आदि 12 राशियाँ, ढेर, पुँज, समुच्चय । |
वंग | राँग, कपास। |
वर्ण | रंग, अक्षर, चतुर्वर्ण्य, भेद, रूप। |
वन | वाटिका, जंगल, पानी, भवन। |
वार | अवसर, दिन, द्वार, रोक, आक्रमण। |
विषय | भोग, विचारणीय भाव, बारे में, विलास। |
विधि | रीति, भाग्य विधाता, ईश्वर, कार्यक्रम, योजना, प्रकार, कानून, संगति। |
वृत्त | गोल-घेरा, हाल, चरित्र | |
विहंग | पक्षी, वाण, बादल, विमान, सूर्य, चन्द्रमा, देवता। |
शर | रकण्डा, बाण, तीर, नरकट, जल, पाँच की संख्या, रूस। |
शरभ | ऊँट, एक मृग, टिड्डी, सिंह, हाथी का बच्चा, विष्णु। |
सरि | समता, माला, नदी, सरिता, बराबरी, सदृश। |
सारंग | हिरन, बादल, पानी, मोर, शंख, पपीहा, हाथी, सिंह, राजहंस, भ्रमर, कपूर, कामदेव, कोयल, धनुष, मधुमक्खी, कमल, भूषण। |
सार | रस, रक्षा, जुआ, लाभ, उत्तम, पत्नी का भाई, तलवार, तत्त्व। |
सिता | चाँदी, चमेली, चाँदनी, शकर, गोरोचन, सफेद दूब। |
सूर | वीर, अन्धा, एक कवि, सूर्य, अर्क, मदार, आचार्य, पण्डित। |
हर | हरण करना, प्रत्येक, शिव, गणित में अंश के नीचे वाली संख्या। |
सूत | बढ़ई, धागा, पौराणिक, सारथी, सूत्रकार, सूर्य, पारा। |
सैन | सेना, संकेत, बाजपक्षी, इंगित, लक्षण, चिह्न। |
हरि | विष्णु, इन्द्र, बन्दर, हवा, सूर्य, सिंह, आग, कामदेव, हंस, मेढक, चाँँद, हरा रंग। |
हार | पराजय, माला, गले का आभूषण। |
हीन | नीचा, तुच्छ, कम, रहित, छोड़ा हुआ, अल्प, निष्कपट, बुरा, शून्य। |
हेम | सोना, तुषार, इज्जत, पीला रंग। |
हंस | आत्मा, योगी, श्वेत, घोड़ा, सूर्य, सरोवर का पक्षी। |
क्षेत्र | शरीर, तीर्थ, गृह, प्रकृति, खेल, स्त्री। |